Posts

Showing posts from December, 2020

बाबा श्रीचंद की जीवनी

Image
  बाबा श्रीचंद की जीवनी बाबा श्रीचंद लुप्तप्राय उदासीन संप्रदाय के पुन : प्रवर्तक आचार्य है। उदासीन गुरुपरंपरा में उनका 165 वाँ स्थान हैं। उनकी आविर्भावतिथि संवत 1551 भाद्रपद शुक्ला नवमी तथा अंतर्धानतिथि संवत् 1700 श्रावण शुक्ला पंचमी है। बाबा श्रीचंद के प्रमुख शिष्य श्री बालहास , अलमत्ता , पुष्पदेव , गोविन्ददेव , गुरुदत्त भगवद्दत्त , कर्ताराय , कमलासनादि मुनि थे। बाबा श्रीचंद का जन्म 8 सितम्बर 1494 को पंजाब के कपूरथला जिला के सुल्तानपुर लोधी में हुवा था। उनका माता का नाम सुलखनी था। श्रीचंद जी ने बहुत छोटी उम्र में ही योग के तरीकों में महारथ हासिल कर लिए थे। वे अपने पिता गुरु नानक के प्रति हमेशा समर्पित रहे तथा उन्होंने उदासीन सम्प्रदाय की नीव रखी। उन्होंने दूर - दूर तक यात्रा की और गुरु नानक के बारे में जागरूकता फैल गई। जन्म के समय उनके शरीर पर विभूति की एक पतली परत तथा कानों में मांस के कुंडल बने थे। अतः लोग उन्हें   भगवान शिव का अवतार   मानने लगे।