भगवान शिव का अवतार थे बाबा श्रीचंद जी
Dhan Dhan Baba Shri Chand Ji पंजाब ऋषि-मुनियों की धरती रही है। इस धरती पर कई महान गुरु व संत हुए हैं। सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के ज्येष्ठ पुत्र बाबा श्री चंद जी बचपन ही से विश्व भ्रमण करने के लिए घर से निकल पडे़। बाबा जी के जन्म के समय ही से शरीर पर धूनी की राख लगी थी व एक कान में मांस की मुंदरा थी। बाबा श्रीचंद जी को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है। बाबा श्रीचंद के नाम से बटाला के समीप गांव नानक चक्क भी स्थित है। इस स्थान पर बाबा श्रीचंद जी ने काफी समय व्यतीत किया। यह गद्दी उदासीन अखाड़ा संगल वाला अमृतसर के अधीन है। इस गद्दी पर विराजमान महंत तिलक दास ने बताया कि बाबा श्रीचंद जी विश्व भ्रमण करते-करते गांव कोटली कादराबाद पहुंचे। इनके साथ भक्त भाई कमलिया जी भी थे। बाबा श्री चंद जी ने भाई कमलिया जी को भिक्षा मांगने के लिए गांव में भेजा व खुद गांव के बाहर धुनी लगाकर बैठ गए। भाई कमलिया जी पूरे गांव से होकर लौट आए लेकिन किसी भी गांव वासी ने उन्हें भिक्षा नहीं दी , उल्टा कहा कि पता नहीं कहां-कहां से साधु चले आते हैं। तभी बाबा श्रीचंद जी ने पूरे गांव को थेह [नाश] होने क
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